रचनाएँ
मुक़द्दर को ढूंढता
औरों की ही तरह, मुक़द्दर को ढूंढता.आया तेरे शहर मैं, तेरे घर को ढूंढता. वो,जान भी दिया तो महज़ बूँद...
Read Moreचल रही सदियों से जो, वो बात होनी चाहिए
चल रही सदियों से जो, वो बात होनी चाहिए. अबकी सावन में भी इक, बरसात होनी चाहिए. सोच लो कि...
Read Moreअंधेरे कूप के अंदर, करे संसार की बातें
अंधेरे कूप के अंदर, करे संसार की बातें. कभी अधिकार की बातें,कभी सरकार की बातें. किनारे पर खड़े होकर,तुम अच्छी...
Read Moreहै पुकारा आज अपने देश ने संतान को
है पुकारा आज अपने देश ने संतान को. जान देने का सही अब वक़्त शायद आ गया. सैकड़ों रंगों से...
Read Moreजहाँ हीरा भी बिकना चाहे,ऐसा बाज़ार बन
खुद की ही बात सुन, खुद की सरकार बन. जहाँ हीरा भी बिकना चाहे,ऐसा बाज़ार बन. दुश्मनों से नज़रें मिलाकर...
Read Moreबहुत याद आती है बातें पुरानी.
बहुत याद आती है बातें पुरानी. भूले ना भूलूँ वो बचपन की बातें.वो तपती दुपहरी, वो खामोश रातें.पड़ी है अभी...
Read More