खुद की ही बात सुन, खुद की सरकार बन.
जहाँ हीरा भी बिकना चाहे,ऐसा बाज़ार बन.
दुश्मनों से नज़रें मिलाकर ललकार उसे.
वो पत्तों की तरह कांप उठे,ऐसी दहाड़ बन.
अंदाज़ में वज़न रख,मौत पर भी ताली बजेगी.
जिसके बिना कहानी अधूरी लगे,ऐसा किरदार बन.
चल आज हम एक दूसरे को मशहूर कर दें.
मैं तेरा बनूँ और तू मेरा, इश्तहार बन.
